वैदिक काल में इतनी पुलिस व्यवस्था नहीं थी फिर भी अपराध कम थे और आज?
वैदिक काल में पुलिस व्यवस्था नहीं थी, लेकिन समाज में समाज के अंगों द्वारा निर्धारित नियमों और अनुशासन के माध्यम से अपराध
को रोका जाता था। इस कारण से अपराधों की दर काफी कम थी।
वैदिक समाज में धर्म, नैतिकता और संस्कृति का महत्व था और ये मूल्यों का पालन सभी लोगों की जिम्मेदारी थी। समाज के सदस्यों को अपने कर्तव्यों की पालना करना पड़ता था जो उन्हें संस्कृति द्वारा निर्धारित किया गया था। लोगों को अपने कुछ कर्तव्य अवश्य करने होते थे जैसे शिक्षा, धर्म के पालन, समाज सेवा, संगठन, योगदान आदि।
इस तरह समाज में निरंतर नैतिकता व धर्म के महत्व के बल पर संचालित किया जाने वाला समाज था। इसी कारण से अपराध की दर भी काफी कम थी।
वर्तमान में दुनिया बहुत बदल गई है और समाज के नैतिक मूल्यों और धर्म के महत्व की कमी के कारण अपराध बढ़ गए हैं। आधुनिक समाज में लोग अपने कर्तव्यों की पालना करने में असमर्थ हो गए हैं।
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